Amir Khusro ki Paheli-4

Here is another paheli of Amir Khusro. He was was a Sufi musician, great poet and scholar. Kha gaya Pee gaya de gaya butta, Ae Sakhi Sajan......

खा गया पी गया 
 दे गया बुत्ता 
 ऐ सखि साजन? 

Amir Khusrau की पहेली-3

अमीर खुसरो का जवाब नहीं। देखते हैं आप इस बूझो का क्या जवाब देते हैं??


बनी रंगीली शरम की बात
बे-मौसम आई बरसात
यही अचंभा मुझको आए
खुशी के दिन क्यूं रोती जाए


.. तो क्या है आपका जवाब, टिप्पणी में लिख दीजिए।
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Amir Khusrau की पहेली- 2

आज पेश है अमीर खुसरो की एक और बूझो

भीतर चिलमन, बाहर चिलमन
बीच कलेजा धड़के
अमीर खुसरो यूं कहे
वो दो-दो उंगल सरके


बूझिए क्या????


महक जी का जवाब बिल्कुल सही है.. बधाई ! सही जवाब के लिए टिप्पणियां देखें।